बार बार भय नये सवाल के रूप में सामने आकर उसे ओर ज्यादा भयभीत कर रहा था। बार बार भय नये सवाल के रूप में सामने आकर उसे ओर ज्यादा भयभीत कर रहा था।
वो कभी किसी को बता ही नहीं पाई कि सारी सुख- सुविधाएँ तथा सम्पन्नता होने के बाद भी मन का वो कभी किसी को बता ही नहीं पाई कि सारी सुख- सुविधाएँ तथा सम्पन्नता होने के बाद भ...
पता नहीं मैंने मदद उसकी की या अपनी। मन को अजीब सा सुकून मिला उसे खाना दिलाकर।" पता नहीं मैंने मदद उसकी की या अपनी। मन को अजीब सा सुकून मिला उसे खाना दिलाकर।"
इसी तरह रोज की नोकझोंक चलती रहती है। इसी तरह रोज की नोकझोंक चलती रहती है।
पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते। पश्चाताप के आसूँ बहाते सोचते काश वे रिया कि बात मान उसकी शादी तन्मय से किये होते...
और एक दिन अचानक ही सब ने उसे अपने कमरे में मरा हुआ पाया। और एक दिन अचानक ही सब ने उसे अपने कमरे में मरा हुआ पाया।